तारीफ।।।
कुछ कह के करते है
कुछ जता के करते है
कुछ बड़े इत्मिनान से करते है,
मगर करते है सभी तारीफ .
तारीफ की कोई वजह नहीं होती
तारीफ की कभी जरुरत नहीं पड़ती,
तारीफ बस तारीफ से होती है .
तारीफ उनकी होती है
जिनको इसकी फितरत नहीं होती ,
उनकी क्या कोई तारीफ करेगा
जिनकी वजह से ये तारीफ होती हैं.
कुछ कह के करते है
कुछ जता के करते है
कुछ बड़े इत्मिनान से करते है,
मगर करते है सभी तारीफ .
तारीफ की कोई वजह नहीं होती
तारीफ की कभी जरुरत नहीं पड़ती,
तारीफ बस तारीफ से होती है .
तारीफ उनकी होती है
जिनको इसकी फितरत नहीं होती ,
उनकी क्या कोई तारीफ करेगा
जिनकी वजह से ये तारीफ होती हैं.
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