कुछ चाँद चमकते गालों के
कुछ भँवरे काले बालों के
कुछ नाजुक शिकने आँचल की
कुछ नर्म लकीरे काजल की
रुमाल कई रेशम से गढ़ें
वो ख़त जो कभी मैंने न पढ़ें
मत रोको इन्हें पास आने दो
ये मुझसे मिलने आये हैं
मैं खुद न जिन्हें पहचान सकूँ
कुछ इतने धुंधले साए हैं।
- जाँ निसार अख्तर
Just remember...
Tough Times Never Last, but Tough People Do!
Happy Valentine's Day!🌹🌼🌻
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