ना वो प्यार रहा, ना वों बात रही

छोटा सा साथ
छोटा सा कारवां
छोटे से कारवें में
छोटी सी अहसास ,

ना वो साथ रहा
 ना वो कारवां रही
ना उस कारवें की
वो अहसास रही ,

ना वो प्यार रहा
ना वों बात रही
ना वों दिल रहा
ना वों जज्बात रही |

जो मिट रहा हैं
क्या वो धब्बा था !
जो छुट रहा हैं
क्या वो कुछ खास था!

देखों इन धब्बों के पीछे
कितनी लकीरे छिप रही हैं
कुछ उकेरा था हमने कभी
बड़े इत्मिनान से
देखों अब कैसे
सारा आलस पसर गया हैं |

ना वों असर रहा
ना वों इत्मिनान रही
ना वों प्यार रहा
ना वो अरमान रही |

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